हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Sunday, 27 February 2011
सौ बहाने ,सौ अफसाने
बेशक, शहरकी चर्चाओंमें तेरे-मेरे सौअफसानेहैं, परमिलने के भी तो मेरीजां सौबहानेहैं।
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