Thursday 30 September, 2010

फैसला है या न्याय

---- चुटकी----

देश की जनता
ये तो बताए,
इसको फैसला
कहेंगे
या न्याय।

Friday 24 September, 2010

आयोजन ही आयोजन

श्रीगंगानगर में आजकल धार्मिक आयोजनों की बहुत अधिक धूम है। किसी मंदिर में हनुमान चालीसा के पाठ हो रहे हैं तो किसी मैदान में क्रिस्चन समाज का उत्सव। नगर में २५-२६ सितम्बर को प्रभु दुःख निवारण समागम का आयोजन होगा। २८ की सुबह बाबा रामदेव जी लोगों को योग की शिक्षा देंगे। इन दोनों कार्यकर्मों के लिए बड़े स्तर पर प्रचार किया जा रहा है। दोनों आयोजनों पर लाखों रुपया खर्च होगा। बाबा रामदेव के लिए तो यहाँ के डीएम भी भीड़ के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने स्कूल संचालकों को विद्यार्थियों को योग शिविर में ले जाने के निर्देश दिए हैं। कई सौ लोग इन आयोजनों को सफल बनाने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं।
नगर के लोगों को इस बात से कोई लेना देना नहीं कि हमारे यहाँ किसी भी रेल फाटक पर पुल नहीं है। हम लोग इस बात की भी परवाह नहीं करते कि श्रीगंगानगर में सिवरेज नहीं है। बरसात का पानी शहर की हालत बिगाड़ देता है। सड़कें ख़राब हैंइस बारे में सरकार सोचे , हम क्यों अपना दिमाग ख़राब करें। शहर ऐसा मस्त हुआ है जैसे इन आयोजनों के बाद नगर में कोई समस्या रहेगी ही नहीं।

Wednesday 15 September, 2010

सीमावर्ती का विमोचन

"तेवर वही,सोच नई" की पंच लाइन के साथ "सीमावर्ती"पाक्षिक पत्रिका का विमोचन समारोह आज दोपहर को देव पैलेस में हुआ। मंच पर बुजुर्ग सुदर्शन कुमार मल्होत्रा, दैनिक लोकसम्मत के प्रधान संपादक शिव स्वामी,बिरला सनलाइफ के ब्रांच मैनेजर लव भूषण गुप्ता,सीओ सिटी हरी राम गहलोत,पुलिस इंस्पेक्टर नन्द लाल सैनी,सीमावर्ती के प्रधान संपादक संजीव भाटिया, हांसल समाचार के प्रधान संपादक अशोक चुघ और एक स्कूल संचालक मौजूद था। समारोह में मीडिया कर्मियों की उपस्थिति नाम मात्र की थी। समय से काफी देर बाद शुरू हुआ समारोह फीका था। संचालन सुधीर मिश्रा ने किया। सीमावर्ती किसी ज़माने में नगर का जाना माना दैनिक समाचार पत्र हुआ करता था। प्रदुमन कुमार भाटिया इसके संस्थापक संपादक थे।लम्बे समय से इसका प्रकाशन बंद था। अब उनके बेटे संजीव भाटिया ने दैनिक अख़बार की जगह पाक्षिक पत्रिका आरम्भ की है। संजीव नगर के अनेक अख़बारों में कम कर चुके हैं। नई पत्रिका की टीम को शुभकामनायें।

Monday 13 September, 2010

गणपति बाबा हमारे घर


फिर से आये हमारे द्वार
गणपति बाबा जी,
आरती उतारूँ बारम्बार
गणपति बाबा जी।
आप आये तो रौनक लागी
रोज मनाये त्यौहार
गणपति बाबा जी।
हम तो बालक भोले भाले
कैसे कर सत्कार
गणपति बाबा जी।

Wednesday 8 September, 2010

हस्ताक्षर को गणपति का रूप देने वाला कलाकार

श्रीगंगानगर में विजय गौड़ एक ऐसा कलाकार है जो किसी भी शब्द को गणपति का रूप प्रदान कर देता है। आप हस्ताक्षर करो विजय उसको गणपति बना देगा। एक हस्ताक्षर के अनेक गणपति।

Friday 3 September, 2010

गोरी राधा, सांवरे श्याम


हर शाम किसी के लिए सुहानी नहीं होती
हर चाहत के पीछे कोई कहानी नहीं होती,
कुछ तो असर होता ही है मोहब्बत में
वरना गोरी राधा यूँ सांवरे श्याम की दीवानी नहीं होती।

कोटा से मैडम संतोष बैरवा द्वारा भेजा गया एस एम एस।