हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Monday 9 March, 2009
सिमट गई सजनी सारी की सारी
झीने कपडों पर साजन ने मारी प्रेम भरी पिचकारी, सकुचा कर अपने आप में सिमट गई सजनी सारी की सारी ।
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