हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Friday 13 March, 2009
पेट पकड़ कर रोता है
---- चुटकी---
हम समझ गए पाक, तू पेट पकड़ कर क्यों रोता है, असल में तेरे लोकतंत्र हजम नही होता है।
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