हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Thursday, 12 March 2009
थंक यू पुलिस
मेरे खाते में पुलिस को दिए जाने वाले थैंक्स की संख्या ना के बराबर है। इस बार का थैंक्स सब से हटकर है। पुलिस ने होली पर खास इंतजाम किए। इंतजाम करना उनकी ड्यूटी में सुमार है, मगर कुछ अच्छा हो तो पीठ थपथपानी ही चाहिए। इस बार सड़क पर हुड़दंग मचाने वालों को पुलिस ने पकड़ा,उनके चालान काटे। दारू पीकर हल्ला गुल्ला मचाने वालों पर अंकुश लगाया। होली की गरिमा के लिए यह जरुरी हो गया था। पुलिस के इस इंतजाम से परिवार के साथ जा रही लड़कियों को शर्मिंदगी से दो चार नहीं होना पड़ा। नगर भर से जो फीड बैक मिला वह यही था कि इस बार पुलिस ने बढ़िया काम किया। इसके लिए उनका शुक्रिया। उम्मीद है पुलिस इसी प्रकार आम जन को अपना समझ कर कम करेगी। वरना तो पुलिस का डर आमजन के अलावा किसी को नहीं होगापुलिस के इस इंतजाम ने उस आलोचना को धो डाला जो नाके बंदी के कारण हुई थी। नाका बंदी क्या थी, बस ऐसे था जैसे नगर में कोई आतंकवादी घुस आयें हों। तब नगर के आम जन को भरी परेशानी और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था।
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