तुम क्या हो
मैं नहीं जानता
तुम क्या हो और
क्या बनना चाहते हो,
लेकिन तुम से
इतना अवश्य कहूँगा
तुम जो हो वही रहो
वो बनने की कोशिश
मत करो
जो तुम नहीं हो,
कहीं ऐसा ना हो कि
भविष्य का कोई झोंका
तुम्हारे वर्तमान अस्तित्व
कि मिटा दे,और
बाद में तुम
अपने अतीत को
याद करके अपनी
करनी पर पछताते रहो।
1 comment:
खूब कही!
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