हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Thursday, 20 May 2010
अँधेरा है,रोशनी नहीं है
अँधेरे का अपना कोई अस्तित्व नहीं है, बस, रोशनी नहीं है इसलिए अँधेरा है, वरना तो जिधर देखो उधर सवेरा ही सवेरा है।
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