हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Wednesday, 13 October 2010
वक्त निगाहें फेर लेता है
निगाहें फेर लेता है जब वक्त, जीवन पथ हो जाता है कुछ सख्त ।
1 comment:
soulah aane sacchee baat..
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