हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Sunday, 25 April 2010
ओ...तेरी की
----चुटकी----
अगर ललित मोदी थे इतने ज्यादा ख़राब, तो अभी तक आप चुप्प क्यों थे जनाब।
2 comments:
kya baat hai?
Sach mein.....
O teri kee!!!
RAAZ KO RAAZ REHNE DO.......
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