हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Wednesday 21 April, 2010
धर्मों के बाजार
--- चुटकी----
कदम कदम पर सजे हुए हैं धर्मों के बाजार, जिसकी जितनी ऊँची बिल्डिंग वहां उतनी बड़ी कतार।
1 comment:
एक अच्छी चुटकी ली है |
आशा
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