Wednesday, 21 April 2010

धर्मों के बाजार

--- चुटकी----

कदम कदम पर
सजे हुए हैं
धर्मों के बाजार,
जिसकी जितनी
ऊँची बिल्डिंग
वहां
उतनी बड़ी कतार।

1 comment:

Asha Lata Saxena said...

एक अच्छी चुटकी ली है |
आशा