हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Friday 23 April, 2010
संत शशि थरूर
---- चुटकी----
जीवन का मर्म समझा गए विद्वान् शशि थरूर, जितना ज्यादा चाहिए उतना कम बोलो हजूर।
1 comment:
good one...
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