हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Thursday, 18 February 2010
कश्मीरी पंडित
---- चुटकी----
पी ओ के वालो लौट के आओ, कश्मीरी पंडित भाड़ में जाओ।
2 comments:
sateek lekhan .
इसे कहते हैं तुष्टिकरण की राजनीति
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