Sunday, 7 February 2010

ये कैसा धर्माचार

----- चुटकी----

धर्म गुरु के सामने
पकवानों के ढेर,
बाप बिलखता रोटी को
समय का देखो फेर।
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लंगर हमने लगा दिए
जीमे किये हजार,
भूखे को रोटी नहीं
ये कैसा धर्माचार।

1 comment:

Apanatva said...

andhvishvaskaha le jaega pata nahee..
aapkee rachana bahut acchee lagee...........ye hee aaj ka saty..