हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Monday, 8 February 2010
तू उदास मत होना
पतझड़ में पेड़ से गिरते पत्तों को देख तू उदास मत होना, ये तो बहार आने को है ये सन्देश देने को निकले हैं।
4 comments:
वाह नारदमुनिजी ....कार्टुन करोड़ो लोगो की भावनाओं का सही चित्रण है..
Your blog is good.
ye huee na sakaratmak soch....
bahut acchee lagee ye kavita......pahalee var hee ise blog par aana hua bahut accha laga.........
Your blog is the nice
susheel kumar bhardwaj
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