Tuesday 27 October, 2009

मायका है एक सुंदर सपना


नारदमुनि कई दिन से अवकाश पर हैं। अवकाश और बढ़ने वाला है। जब तक नारदमुनि लौट कर आए तब तक आप यह पढो, इसमें विदा होती बहिन के नाम कुछ सीख है। मायके वालों का जिक्र भी है। जिक्र उस स्थिति का जब उनके घर से उनकी लड़की,बहिन,ननद.....कई रिश्तों में बंधी बेटी नए रिश्ते बनाने के लिए अपना घर झोड़ कर अंजान घर में कदम रखती है। उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि यह आप सबको बहुत ही भली लगेगी। क्योंकि यह तो घर घर की कहानी है।

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