सबूत दे दे भारत थक गया
अमेरिका भी गया हार,
बातों से नहीं मानेगा ये
इसके जूते मारो चार।
ये है आदत से लाचार प्यारे,
आदत से लाचार।
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संसद में घुस गए आतंकी
मुंबई को दहलाते हैं,
नेता हमारे सारे कायर
बस खाली गाल बजाते हैं,
जनता है लाचार,प्यारे
जनता है लाचार।
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"बहादुर" सारे आतंकी
घर में आकर मारते हैं,
गाँधी हमारे पथ प्रदर्शक
हम दूर से ही ललकारतें हैं,
कैसी ये सरकार प्यारे
कैसी ये सरकार।
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कब तक होता जुल्म रहेगा
कोई तो समझाओ जी,
रोज रोज का मरना कैसा
एक बार मर जाओ जी,
जीना है बेकार प्यारे
जीना है बेकार।
1 comment:
सही कहा ! सबक सिखाना जरूरी है अब .
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