हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Saturday, 10 January 2009
एसपी,डीएसपी आपका जवाब नहीं
श्रीगंगानगर के मुख्य बाज़ार में एक दुकानदार को ५-६ जने पीट गए। दुकानदार के चेहरे पर चोट लगी। वह अपने भाई- बंधू के साथ थाना गया। वहां ३ घंटे के बाद मुकदमा दर्ज हुआ। इसी दौरान वह भी आ गया जिसका नाम रिपोर्ट में था। मुक़दमा आईपीसी की धारा ३२३,३४१,४५२,३८२ में दर्ज हुआ। मगर पुलिस ने उस आरोपी से बजाये कुछ पूछने के उसको जाने दिया। घटना को २४ घंटे से भी अधिक का समय हो गया। तब से लेकर अब तक श्रीगंगानगर के पुलिस अधीक्षक श्री आलोक विशिस्ट, सी ओ सिटी भोला राम जी के सेल फ़ोन पर लगातार बात करने की कोशिश की मगर सफलता नहीं मिली। दोनों अधिकारियों के फ़ोन नम्बर पर एक से अधिक बार अलग अलग समय कॉल की गई लेकिन एसपी और सीओ ने फ़ोन नहीं उठाया। इस दौरान ऐसी कोई घटना भी नहीं हुई कि ये मान लिया जाए कि वे सब उसमे व्यस्त थे। श्रीगंगानगर जिला पाकिस्तान से लगा हुआ है। इसके तीन तरफ़ छावनियां हैं। श्रीगंगानगर जिला हर लिहाज से बहुत ही संवेदनशील है। ऐसे स्थान पर नियुक्त एसपी अपना फ़ोन अटेंड ही ना करे तो इस से अधिक संवेदनहीनता और क्या हो सकती है। पता नहीं कौन क्या सूचना एसपी को देना चाहता हो! हो सकता है कोई बहुत अधिक पीड़ित आदमी एसपी की मदद चाहता हो!सम्भव है कोई संभावित बड़े अपराध के बारे कोई सुचना देना चाहता हो!मगर इन सब बातों से इन अधिकारियों को क्या? ये तो सरकार के नौकर हैं,जनता के प्रति इनकी जवाबदेही थी ही कब? अगर कोई अधिकारी,बड़ा नेता इस को पढ़े तो इस पर कुछ ना कुछ करे जरुर ताकि अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी का अहसास तो हो सके। एक ओर एस पी हैं जो अपना फोन अटेंड ही नहीं करते दूसरी ओर नए आए जिला कलेक्टर हैं जिन्होंने पहले दिन ही अपना फोन नम्बर इस वक्तव्य के साथ सार्वजनिक कर दिया कि कोई भी उनसे संपर्क कर अपनी बात कह सकता है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment