Friday, 9 January 2009

अब भी बाकी है चाहत

---- चुटकी----

शिबू सोरेन से कुछ
सीख लो शेखावत जी,
क्यों करते हो
बुढापे में अदावत जी,
वाइस प्रेजिडेंट रह चुके
अफ़सोस, अब भी बाकी है
आप में कोई चाहत जी।
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यह चुटकी भैरों सिंह शेखावत के चुनाव लड़ने के ऐलान पर है। श्री शेखावत देश के वाइस प्रेजिडेंट रह चुके,प्रेजिडेंट का चुनाव हार चुके, अब भी उनमे अगर कोई राजनीतिक पद पाने की लालसा है तो ये अफ़सोस करने लायक ही है। आख़िर किसी पद की कोई मर्यादा तो होती होगी। वे कहतें हैं भ्रस्टाचार के खिलाफ जनजागरण,गाँव गरीब का कल्याण और राजनीति का शुद्धिकरण उनका मिशन होगा। अच्छी बात है। लेकिन इस के लिए कोई पद होना क्या जरुरी है। महात्मा गाँधी के पास कोई पद नही था। इसके बावजूद वे लीडर थे। फ़िर आप तो ६० साल से राजनीति में हैं। यह सब पहले क्यों नही किया जो अब आप कह रहे हो। श्रीमान जी आप देख रहें हैं ना जनता ने शिबू सेरोन की क्या हालत की है। हर पल एक सा नहीं होता। आप ने तो सब कुछ भोग लिया अब क्या रह गया जो आपकी नजर से बच गया।

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