हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Wednesday, 14 January 2009
ख़ुद पर अनुशासन तो है नहीं
हमारी कहो या आपकी, यह सरकार भी खूब है। इसका अपने "गुरूजी" जैसे लोगों पर तो बस चलता नहीं। इस कमजोरी को छिपाने के लिए वह उस पर अंकुश लगा रही है जो "गुरूजी" जैसों को पाठ पढ़ा सकती है। भाई जब आप कुछ ग़लत ही नहीं कर रहे तो फ़िर किस बात का डर है। यह भी सही है कि घर से लेकर देश तक को बेहतर तरीके से चलाने,उसको खुशहाल रखनेके लिए कुछ नियम कायदे बनाने और अपनाने पड़ते हैं। परन्तु ऐसा नही हो कि इसकी आड़ में मुखिया ऐसे नियम कायदे लागु कर दे जिस से घर समाज देश में किसी मेंबर को अपना रोजमर्रा का कामकाज करना ही मुश्किल हो जाए,या वह वो सब ना कर सके जो उसका धर्म या कर्तव्य है। ऐसा ही अब सरकार करने में लगी है। ऐसी कोशिश पहले भी होती रहीं हैं। ग़लत का विरोध होना ही चाहिए चाहे वह कोई भी कर रहा हो। आज मीडिया सरकार के कदमों का विरोध कर रहा है। क्योंकि उसके साथ ग़लत ग़लत हो रहा है। अगर सरकार का अंकुश उसके ऊपर रहा तो मीडिया वह नहीं कर सकेगा जो समाज और देश हित में उसको करना होता है।
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