हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Sunday, 10 April 2011
--- चुटकी---
उठाया बाबा जी ने बीड़ा, उसमे लग गया अन्ना नाम का कीड़ा , बाबा की झोली रह गई खाली अन्ना के नाम पर बज गई ताली।
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