हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Thursday, 14 April 2011
प्रशासन नहीं जानता जनाब
श्रीगंगानगर- बूटा सिंह पहले बहुत कुछ थे। अब वे केवल पूर्व हैं। पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्री। बिहार के पूर्व राज्यपाल। एस सी आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष। हमारे प्रशासन को बूटा सिंह के बहुत कुछ से पूर्व होने की जानकारी नहीं है या कौन पूछता है के हिसाब से फाइल चलती हैं। एक सप्ताह पहले बूटा सिंह के पीए प्रीति मल्लिक ने जिला कलेक्टर को उनके आने का मिनट टू मिनट कार्यक्रम भेजा। उसमे कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि बूटा सिंह किसी पद पर हैं। बस बूटा सिंह के नाम के आगे जेड प्लस सुरक्षा का ज़िक्र जरुर है। पीए ने इसी के अनुरूप इंतजाम करने की बात अपने सन्देश में कही। आगे का काम जिला प्रशासन का था। यहाँ के अधिकारियों,कर्मचारियों ने व्यवस्था के लिए यह आदेश जारी किया--"श्री मान जिला कलेक्टर महोदया के आदेश क्रमांक एफ ४०[३३] []जन/१०/५९९९-६००८ दिनांक ६.४.११ के अनुसार माननीय डॉ बूटा सिंह जी, अध्यक्ष राष्ट्रीय आयोग अनुसूचित जाति[भारत सरकार] का दिनांक १३.४.११ से १४.४.११ तक जिला श्रीगंगानगर दौरे के दौरान दिनांक १३.४.११ को प्रातः ७.४० बजे रेलवे स्टेशन श्रीगंगानगर पहुंचेगे। ............ । " उसके बाद अलग अलग विभाग के अपने स्टाफ के लिए दिशा निर्देश हैं। ये आदेश कई विभागों के यहाँ पहुंचे। यहाँ तक की परियोजना प्रबंधक को भी उनके आगमन की सूचना दी गई। बात ये कि बूटा सिंह के लिए जो इंतजाम किये गए उनको अध्यक्ष मानकर। जबकि फिलहाल इस आयोग के अध्यक्ष एक सांसद है श्री पुनिया। उनकी नियुक्ति कई माह पहले हो चुकी है। किसी ज़माने में कांग्रेस में अग्रिम पंक्ति के नेता रहे बूटा सिंह के पीए प्रीति मल्लिक ने भी इस बात की पुष्टि की। उन्होंने इस रिपोर्टर को बताया कि बूटा सिंह अब आयोग के अध्यक्ष नहीं हैं। हमारा संवेदनशील प्रशासन इस बात को नहीं जानता। उसने जानने की कोशिश ही नहीं की। वरना तो बूटा सिंह के पी ए ने जो फैक्स भेजा था उसी से पता चल जाता।
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