हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
बहुत सटीक!
bahut khoob.......
अपनत्व का कहना काफी हद तक ठीक है आपकी तारीफ में ! काफी तीखी कलम है ...मगर अनाम क्यों ?? शुभकामनायें !
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3 comments:
बहुत सटीक!
bahut khoob.......
अपनत्व का कहना काफी हद तक ठीक है आपकी तारीफ में ! काफी तीखी कलम है ...मगर अनाम क्यों ?? शुभकामनायें !
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