हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Wednesday, 16 June 2010
चुटकिय
---- चुटकी----
प्रणब अर्जुन पवार, ये किस मिट्टी के बने हैं मेरे यार।
----चुटकी-----
जिन्ना बोतल में बंद, जसवंत सिंह फिर हुए बीजेपी के संग।
4 comments:
bahut khoob .
Bahut khoob !
क्या बात है ... अच्छी क्षणिकाएँ ...
behtareen kshanikaayen..lage rahiye...
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