Sunday, 13 June 2010

समझ गए अफजल कसाब

---- चुटकी----

अब समझें हैं
अफजल
और कसाब,
भारत में
अतिथि देवो भव
का
क्या अर्थ है जनाब।

1 comment:

Apanatva said...

ek halkee see muskan aa jatee hai aapkee kshnikae pad kar..........