हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Sunday, 13 June 2010
समझ गए अफजल कसाब
---- चुटकी----
अब समझें हैं अफजल और कसाब, भारत में अतिथि देवो भव का क्या अर्थ है जनाब।
1 comment:
ek halkee see muskan aa jatee hai aapkee kshnikae pad kar..........
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