हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Thursday, 24 June 2010
---- चुटकी----
बस ! ओनर किलिंग मत करो यारो, वैसे चाहो जिसको मारो।
2 comments:
honour kiska aur kaisa honour....?
kaisee ghadee ye ab yug me aaee
ucch kul me paida hue kasaaeee.
सटीक!!
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