Friday, 11 May 2012

जयपुर के राजनीतिक और सत्ता के गलियारों की खबर



श्रीगंगानगर-बीजेपी और कांग्रेस  के नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है।एक दूसरे को निपटाने के फेर में खुद निपट रहें हैं। वसुंधरा राजे 60-65 विधायकों के इस्तीफे आ जाने से खुश हैं। विरोधी ये सोच कर प्रसन्न हैं कि प्रदेश में सीट  तो दो सौ हैं...मैडम के साथ तो इतने ही हैं। कार्यकर्ताओं का भी जोड़ बाकी किया जा रहा है। लाखों कार्यकर्ताओं में से हजारों ने मैडम का समर्थन किया....बाकी किसके साथ है?जीत अपने आप चल कर मैडम की ओर आ रही थी। मैडम पीछे हो ली। सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस को आज भी सामंतशाही आँख दिखाती है। विश्वेन्द्र सिंह का अभी तो कुछ बिगड़ा नहीं। खुले आम चुनौती दे रहा है....कर लो जिसने जो करना है। अब डॉ चंद्रभान से कौन पूछे की फिर भरतपुर कब जाना है। इन सब घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का चेहरा अधिक खिला खिला रहता है। रहेगा ही...इस लड़ाई से राजनीतिक लाभ तो उन्ही को मिलेगा।
तबादले खुल गए। मंत्रियों के मेला लगा है। विधायकों का...पुलिस और नागरिक प्रशासन के छोटे बड़े अधिकारियों का। विधायक लगभग सभी मंत्रियों के पास डिजायर लेकर नमस्कार करने पहुँच रहें हैं वे साफ कहते हैं विधायक का बेड़ा पार तो मंत्री ही लगाएंगे। मंत्री दूसरे मंत्री को डिजायर भेज रहा है। किसी सीनियर के पास खुद भी जाना पड़ता है। खास डिजायर सीधे सीएम तक पहुंचाई जाती है। हर मंत्री का लगभग पूरा स्टाफ इसी काम में लगा है। क्योंकि अगले साल चुनाव है...इसलिए विधायक,मंत्री सभी कार्यकर्ताओं को राजी रखने की कोशिश में हैं। बड़े बीजेपी के नेता भी चुपके से किसी मंत्री को फोन कर किसी अधिकारी/कर्मचारी को अपने क्षेत्र में लगाने का आग्रह कर देता है। राजनीति में ये चलता है।
बुधवार की शाम मुख्यमंत्री निवास पर आमिर खान और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस थी। आमिर ने शुरुआत की....अशोक जी का धन्यवाद....अशोक जी ने ये किया....अशोक जी ने वो किया। कान्फ्रेंस के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आमिर खान के कंधे पे हाथ रखा और आगे बढ़े...उन्होने आमिर खान से शायद यही कहा होगा...कम से कम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो कहते यार...और फिर मुस्कुराहट।

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