हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Saturday 13 June, 2009
ऐसा क्यों होता है
आप नहीं होते तो हम,खूब अंगडाई लेते हैं,इठलाते हैं, आपके आते ही छुई-मुई की भांति अपने आप में सिमट जाते हैं। ये क्या है ऐसा क्यों होता है हम नहीं जानते, हाँ,इतना तो है आप के सिवा हम किसी को अपना नहीं मानते।
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