हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Friday 12 March, 2010
गुम हो गए दो नैन
----- बात तो, कभी भी कुछ भी ना थी, मैं तो बस यूँ ही मुस्कुराता रहा, अपनों को खुश रखने के लिए अपने गम छिपाता रहा। ----- मेरे अन्दर झांकने वाले गुम हो गए दो नैन, कौन सुनेगा,किसको सुनाऊं कैसे मिले अब चैन।
2 comments:
bahutgahraee walee baathai ye............
sunder rachana.............
pasand aaya
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