Thursday, 23 April 2009

जंगल में हो रहें हैं चुनाव

सियार ने खरगोश को दुलारा
शेर ने हिरण को पुचकारा
भेड़िये देख रहें हैं
राजा बनने के ख्वाब,
हे दोस्त, जंगल में
कैसे आया इतना बड़ा बदलाव।
लोमड़ी मेमने को गले लगाती है
बिल्ली चूहे के साथ नजर आती है
सूअर बकरी के साथ घास खा रहा है जनाब,
हे दोस्त ,जंगल में
कैसे आया इतना बड़ा बदलाव।
सुनो भाई,इन जानवरों में
अब भी वैसा ही मरोड़ है
जो दिख रहा है
वह तो कुर्सी के लिए गठजोड़ है,
नकली है इनका भाई चारा
बस क्षणिक है ये बदलाव
सच तो ये है दोस्त
जंगल में हो रहें हैं चुनाव।

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