हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
नजर उठे तो कजा होती है,
नजर झुके तो हया होती है।
नजर तिरछी हो तो अदा होती है,
नजर सीधी हो तो फिदा होती है।
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