हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Monday 18 May, 2009
श्रीगंगानगर में हुआ तिल का ताड़
भारत पाक सीमा पर बसा श्रीगंगानगर भगवान भरोसे है। प्रशासन.लीडर,आमजन तो इसकी ऐसी की तैसी करने में लगा रहता है। रात को एक छोटी सी चिंगारी ने नगर में दंगे का रूप ले लिया।नगर के एक इलाके में अराजकता हो गई। नेशनल राजमार्ग १५ पर कई घंटे दंगाइयों का राज रहा। बिजली के एक ट्रांसफार्मर में से निकली चिंगारी के कारण २ आदमी झुलस गए। बस उसके बाद दंगा भड़क गया। लोगो ने पत्थर बरसाए। पुलिस ने लाठी। दंगाइयों को जो मिला उसको आग के हवाले कर दिया। लोगो के घरों के बहार खड़े वाहनों को तोड़ दिया। जिस इलाके में यह सब हो रहा था वहां बिजली गुल कर दी गई। जिस से दंगा करने वालों को और अधिक शह मिल गई। इलाके की चारों ओर से नाकाबंदी कर दी गई। किसी को इस ओर आने की इजाजत नहीं दी गई। शहर में अफवाहों को दौर शुरू हो गया। किसी ने कहा दो मर गए,किसी ने मरने वालों की संख्या तीन बताई। इस संवेदनशील जिला मुख्यालय पर इस प्रकार का नकारा प्रशासन शायद ही पहले कभी आया हो। जिला कलेक्टर,पुलिस अधीक्षक तो शहर को शायद पूरा जानते भी न होंगें। इनमे इतना गरूर है कि क्या कहने। इनका नगर के लोगों से कोई लाइजनिंग नहीं हैं। शहर के हजारों लोग टेंशन में रहे। लोगों को नुकसान उठाना पड़ा। धन्य हैं वे नेता जो ऐसे महान अफसरों को श्रीगंगानगर में लेकर आयें हैं। जो प्रशासन एक राई को पहाड़ बनने से नहीं रोक सका उस से अधिक उम्मीद करना बेकार है। लेकिन क्या करें उम्मीद पर दुनिया कायम है। आज सुबह तो हालत काबू में बताये गएँ हैं।
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