हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Friday 8 January, 2010
चुटकी
झूठ,फरेब,लूट,खसोट बेईमानी,भ्रष्टाचार गन्दी राजनीति आतंकवाद और उस पर महंगाई की चोट, ये सच है या है मेरी आँखों में कोई खोट।
1 comment:
sach hai kadwa parantu sach hai
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