हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Monday, 4 January 2010
ख़ुशी पर भारी गम
तमाम खुशियों पर भारी है तेरी जुदाई का गम, मिलने के सारे के सारे जतन पड़ गए कम, हो सके तो चले आना मेरी ओर, निकलने को है अब मेरा दम।
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