हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Saturday, 31 October 2009
कनस्तर में आटा
---- चुटकी-----
जब से ख़त्म हुआ है कनस्तर में आटा, तब से पसरा हुआ है घर में सन्नाटा।
3 comments:
बहुत खूब,
जब से
ख़त्म हुआ है
कनस्तर में आटा,
तब से
पसरा हुआ है
घर में सन्नाटा।nice
इस से पहले कि बीवी करे टाटा ...बाकि आप खुद समझ दार है ।
शरद कोकास "पुरातत्ववेत्ता " http://sharadkokas.blogspot.com
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