हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Monday, 5 October 2009
सजनी और साजन
सजनी के प्यारे सजना रहते हैं परदेश, वहीँ से भेजा सजना ने सजनी को संदेश, तुम्हारे लिए मैं क्या भेजूं दे दो ई मेल आदेश, साजन की प्यारी सजनी ने भेज दिया संदेश, रुखी-सूखी खा लेँगे आ जाओ अपने देश।
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