Monday, 28 September 2009

महंगाई का रावण

----- चुटकी-----

महंगाई के रावण से
जनता हो गई त्रस्त,
मैडम की भक्ति में
मनमोहन जी मस्त,
उनकी कुर्सी बची हुई है
भज मैडम का नाम,
रावण का वध करने को
अब,कहाँ से लाएं राम।

केवल पिसे गरीब

श्री कबीर जी ने कहा था---
चलती चक्की देख कर
दिया कबीरा रोए,
दो पाटन के बीच में
साबुत बचा न कोए।

आज के संदर्भ में ---
चलती चक्की देखकर
अब रोता नहीं कबीर,
दो पाटन के बीच में
अब केवल पिसे गरीब।

Wednesday, 23 September 2009

देश का सौदा कर प्यारे

---- चुटकी----

गाँधी जी के
पद चिह्नों पर चल प्यारे,
दूसरा गाल भी
चीन के आगे कर प्यारे।
अहिंसा परमो धर्म है
रटना तू प्यारे,
एक तमाचा और
तुम्हारे जब मारे।
ये बटेर हाथ में
तेरे फ़िर नहीं आनी है,
लगे हाथ तू
देश का सौदा कर प्यारे।

Sunday, 20 September 2009

श्रीगंगानगर टैक्स बार को सलाम

एक एडवोकेट की मौत हो गई। अब अन्य एडवोकेट तो यही सोचेगें कि उसके क्लाइंट हमारे पास आ जाएं। यह तब तो और भी अधिक होता है जब मरने वाले वकील के यहाँ कोई ऐसा उत्तराधिकारी नहीं होता जो उसका काम संभाल सके। किन्तू श्रीगंगानगर टैक्स बार संघ अब ऐसा नहीं होने देगा। इसी सप्ताह संघ के मेंबर वकील हनुमान जैन का निधन हो गया। इनके पिता जी भी नहीं है। बेटा वकालत कर रहा है। इस स्थिति में श्री जैन के क्लाइंट इधर उधर हो जाने स्वाभाविक हैं। इस से श्री जैन का पूरा काम समाप्त हो जाने की आशंका थी। टैक्स बार संघ ने बहुत ही दूरदर्शिता पूर्ण निर्णय किया। अब कोई दूसरा वकील वह फाइल नहीं लेगा जो हनुमान जैन के पास थी। संघ श्री जैन के बेटे का कर सलाहाकार के रूप में पंजीयन करवाएगा। संघ की ओर से चार वकील उसके मार्गदर्शन,काम सिखाने,समझाने और क्लाइंट को संतुष्ट करने के लिए हर समय तैयार रहेंगें। जिस से कि कोई क्लाइंट किसी अन्य वकील के पास जाने की न सोचे या उसे दूसरे के पास जाने की जरुरत ना पड़े। इसके बावजूद अगर कोई क्लाइंट अपनी फाइल श्री जैन से लेकर अन्य को देना चाहे,आयकर,बिक्रीकर की रिटर्न भरवाना चाहे तो वकील ऐसा कर देंगे किन्तू उसकी फीस श्री जैन के उत्तराधिकारी उसके बेटे को दी जायेगी। टैक्स बार श्री हनुमान जैन को तो वापिस नहीं ला सकता लेकिन उसने इतना जरुर किया जिस से उनके परिवार को ये ना लगे कि वे इस दुःख की घड़ी में अकेले रह गए। वकील समुदाय उनके साथ खड़ा है।
वर्तमान में एक दूसरे को काटने,काम छीनने,नीचा दिखाने की हौड़ लगी है तब कुछ अच्छा होता है, अच्छा करने के प्रयास होते हैं तो उनको सलाम करने को जी चाहता है। नारदमुनि तो टैक्स बार के अध्यक्ष ओ पी कालड़ा,सचिव हितेश मित्तल,संयुक्त सचिव संजय गोयल सहित सभी पदाधिकारियों को बार बार सलाम करता है। उम्मीद है कि उनकी सोच दूर तक जायेगी। देश के दूसरे संघ भी इनसे प्रेरणा लेंगे।

Saturday, 19 September 2009

नारदमुनि का पैगाम मां के नाम


शक्ति की देवी के चरणों में नारदमुनि का प्रणाम। आपके आने से सब मंगल ही होगा,ऐसा हमें विश्वास है। आप तो माता हैं इसलिए आप से मांगने का अधिकार सब को है। हे मां, जो भी आपे द्वार पर आए आप उन सब की झोली भरें। चाहे वह पूत हो या कपूत। पूत तो कपूत हो सकता है पर माता नहीं कुमाता। अब असली बात पर आता हूँ मां।
कलयुग के इस दौर में आप ऐसी माताओं को थोड़ा समझाना जो अपने गर्भ में ही अपनी कन्या से छुटकारा पाने की कामना रखती हैं। उनसे कहना कि अगर बेटियों को मारोगे तो बहु कहाँ से लाओगे। ऐसी महिलाओं को भी सदबुद्धि देना जो कन्या को चलती ट्रेन से बहार फेंक देते हैं किसी कचरे की तरह। ऐसी माताओं के दिलों में ममता जगाना जो अपनी लाडली को पैदा होते ही किसी सड़क के किनारे या कचरे के डिब्बे में छोड़ जाती हैं।
मां, आप तप सब कुछ कर सकती हैं। इस बार ऐसा कुछ जरुर करना जिस से महिलाएं अपनी लड़कियों को ना "मारें"। उम्मीद हैं आप नारदमुनि की यह कामना अवश्य पूरी करेंगीं। सच में तो यह पूरे देश की ही कामना है।

Thursday, 17 September 2009

सोनिया की मज़बूरी


---- चुटकी----


सोनिया जी
ऐसी क्या
मज़बूरी है,
जो
शशि थरूर
जरुरी है।

Monday, 14 September 2009

जयराम रमेश को भारत रत्न

ख़बर--केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार) जयराम रमेश ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को करोड़ों हिन्दुओं के आराध्य देव भगवान शंकर के समान बताकर एक और अनावश्यक विवाद तो खड़ा किया ही है, हजारों साल पुरानी भारतीय संस्कृति के अपमान का अक्षम्य अपराध भी किया है। श्री रमेश ने शनिवार को अपनी भोपाल यात्रा के दौरान महात्मा गान्धी की तुलना ब्रह्मा और नेहरूजी की तुलना भगवान विष्णु से कर डाली।
---- चुटकी----

गाँधी ब्रह्मा
नेहरू विष्णु
जिन्ना महेश,
आपका तो
भारत रत्न
पक्का हुआ
जयराम रमेश।

Sunday, 13 September 2009

धन्य हमारे नेता

---- चुटकी----

पाक ने
भारत पर
रॉकेट दागे,
धन्य हमारे
नेता, जो
फ़िर भी
नहीं जागे।

Saturday, 12 September 2009

भारत में फुर्र

---- चुटकी-----

चिदम्बरम ने
न्यूयार्क में सीखे
सुरक्षा के गुर,
भारत आते ही
सब के सब
हो जाते हैं फुर्र।

Friday, 11 September 2009

था,है और रहेगा ओसामा

---- चुटकी----

जब तक
पाक है
तब तक
रहेगा ओसामा,
कुछ भी
कर ले भारत
चाहे कुछ भी
कर ले ओबामा।

Thursday, 10 September 2009

सत्ता का गरूर

---- चुटकी----

महंगे
होटल में
रहतें हैं
एस एम कृष्णा
शशि थरूर,
इसे ही तो
कहते हैं
सत्ता का गरूर।

Wednesday, 9 September 2009

ये क्या हो रहा है

---- चुटकी----

भारत में
ये,हो क्या
रहा है
बाबू,
सरकार के
तो कुछ भी
नहीं आ रहा
काबू।

Tuesday, 8 September 2009

अब यही है हिन्दूस्तान

---- चुटकी----

कैटरीना
धोनी
सलमान,
अब यही है
हमारा
प्यारा
हिन्दूस्तान।

भारत दीन


---- चुटकी----

पाक
नेपाल
चीन,
ताक़तवर
भारत
बन गया
दीन।

Monday, 7 September 2009

भगवान भला करे आपका


पोस्ट में जो कुछ दिख रहा है वह अख़बार में छपी खबरों के हैडिंग हैं। इस से बहुत कुछ साफ साफ पता लग रहा है कि श्रीगंगानगर में हो क्या रहा है। यहाँ किसी के साथ कुछ भी हो सकता है। बस, आप अपराधी किस्म के नहीं होने चाहिए। यहाँ के डीवाईएसपी हैं विपिन शर्मा। इनका बड़ा भाई नगर का कोतवाल है। ये दोनों आजकल यहाँ के एस पी की आँख और कान हैं। यहाँ की जनता सब जानती है मगर सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस नेताओं की आंखों को ना कुछ दिखता है,ना कानों से ऐसी बात सुनती है। "राजस्थान पत्रिका" अखबार किसी बड़े के खिलाफ लिखने से परहेज रखता है। किन्तू चार में से तीन कटिंग पत्रिका की ही हैं। मतलब, वह भी मजबूर हो गया लिखने के लिए। कौनसा झूठ लिखा। सच बात लिखने में क्या हर्ज। यहाँ तो आप सभी से इतना ही कहना है कि अगर किसी की राजस्थान की राजधानी जयपुर तक अप्रोच हो तो वह ये जानकारी सरकार तक पहुँचा दे। जिस से सरकार को पता लग सके कि श्रीगंगानगर में हो क्या रहा है। अखबार तो अब पूरी तरह से लोकल हो चुके हैं। इस लिए यहाँ की बात जयपुर तक पहुंचती ही नहीं। आम आदमी तो पुलिस के खिलाफ बोल नहीं सकता।[ भगवान ध्यान रखना, कहीं मैं लपेटे में ले लिया जाऊँ।] नेताओं को पता ही है। वे चुप ही रहेंगें। क्योंकि पुलिस में जो अधिकारी आज यहाँ लगे हुए हैं वह सब उनकी सिफारिश से ही तो हैं।
पता नहीं इस नगर का क्या होगा? ऐसी दुर्गति भी होगी, कभी सोचा नहीं था। नारायण, नारायण।

Saturday, 5 September 2009

टैंक की सवारी का आनंद

आप में से अधिकांश ने साइकिल से लेकर हवाई जहाज की सवारी कर रखी होगी। टैंक की सवारी किस किस ने की है ये जरुर बताना। इस मामले में श्रीगंगानगर के लोग "भाग्यशाली" हैं जो आजकल टैंक की सवारी का आनंद ले रहें हैं। वहां बताया गया कि टैंक चार लीटर पेट्रोल पीकर एक किलोमीटर का सफर तय करता है। श्रीगंगानगर में सेना की प्रदर्शनी को देखने के लिए आज तो जैसे जिले भर के स्टूडेंट्स आ गए। उस पर नगर निवासियों का जमघट। इतनी जबरदस्त भीड़ कि क्या कहने। आज तो सेना के जवानों ने हैरत में डाल देने वाले आइटम पेश किए। यहाँ के लोगों में से अधिकतर ने यह सब पहली बार देखा। फ़िर देखने का मौका कब मिलेगा कहना मुश्किल है।

Friday, 4 September 2009

एक दिन सेना के साथ

सेना आम जन मानस के लिए सदा से ही एक रहस्य रहा है। सेना से आम जन की दूरी केवल मन के भाव से मापी जा सकती है। मन की इस दूरी को बिल्कुल समाप्त करने के लिए श्रीगंगानगर में सेना ने "एक दिन सेना के साथ" प्रदर्शनी लगाई। भरी बरसात के बावजूद हर उमर के लोग प्रदर्शनी को देखने के लिए उमड़ पड़े। प्रदर्शनी स्थल बरसाती पानी से भरा था। मगर लोगों ने इसकी परवाह नहीं की। बंकर,टैंक,तोप,रॉकेट लॉन्चर सहित ना जाने कितने किस्म के हथियार जन जन ने निकट से देखे। श्रीगंगानगर भारत पाक सीमा के निकट है। यहाँ पहली बार इस प्रकार का आयोजन सेना ने किया था। सेना के बड़े से बड़े अधिकारी और एक छोटा जवान तक सभी आम जन से संवाद करते देखे गए। भीड़ के बावजूद किसी के चेहरे पर ना तो थकन थी ना झुंझलाहट। हमारा तो इस आयोजन को बार बार सलाम करने को जी करता है। सलाम सेना,सलाम जनता का जज्बा। जनता नहीं आती तो कोई मतलब ही नहीं निकलता। सेना ने जन को अपना समझ तो जनता ने अपनी उपस्थिति लगाकर उनको बता दिया कि वे उनके साथ हैं,हर हाल में हर वक्त.

Thursday, 3 September 2009

गणपति बप्पा की विदाई

श्रीगंगानगर से मुंबई बहुत दूर है। वहां गणेश उत्सव की धूम रहती है। यह गणेश उत्सव अब कई सौ मील दूर भारत-पाक सीमा पर स्थित श्रीगंगानगर में भी आ गया है। यहाँ भी कई घरों में गणपति की स्थापना की जाती है। हम इसका विधि विधान नही जानते इसके बावजूद हमने गणपति की स्थापना घर में की। बारह दिन घर में खूब धूम धाम रही। आज परिवार और निकट मित्रो के साथ गणपति को विदा किया ताकि अगले साल फ़िर से आ सकें। गणपति के साथ बड़ा ही आनंद मनाया। परिवार,सम्बन्धी,मित्रों के परिवार आए गए। जिस से सामाजिक संबंधों का निर्वहन हुआ। आज गणपति की विदाई के बाद घर एक बार तो सूना सूना लग रहा है।घर से कोई विदा होता है तो एक बार तो कुछ खाली पन सा लगता ही है। विदाई है ही ऐसी। चाहे वह किसी की भी हो। उम्मीद है कि गणपति अगले बरस फ़िर इसी प्रकार धूम मचाने के लिए,अपनों के साथ मिलने मिलाने का मौका देने के लिए आयेंगे। गणपति बाप्पा आपका इंतजार रहेगा हमें। आओगे ना! जरू र आना। अच्छा, भूलना नहीं।

Wednesday, 2 September 2009

अच्छी बात,बुरी बात

कोई भी अपनी पत्नी से पूछे कि वह आपके बारे में चार-पाँच अच्छी बात,आदत बताए। पत्नी सोचती रहेगी और आप उसके मुहं की तरफ़ देखने के अलावा कुछ नहीं कर सकेंगें। अब आप उससे कोई पाँच बुरी बात,बुरी आदत बताने को कहो। आपको अपनी हकीकत पता चल जायेगी। [ हमें तो पता चल चुकी है।] इसी प्रकार भाई से बहिन की,बहिन से भाई की। एक दोस्त से दूसरे के बारे में, छात्र-छात्रा से टीचर के लिए,टीचर से स्टूडेंट्स के लिए पूछा जा सकता है। बड़ी स्तर पर हम देश के बारे में यह बात पूछ सकते हैं। कोई भी किसी के बारे में अच्छी बात,आदत बताने से पहले सोचेगा,चिंतन करेगा। वही बुरी बात एक पल में बिना रुके बता देगा। चलो उदाहरण देकर बताता हूँ।
वैज्ञानिक के० संथानम ने भारत द्वारा किए गए परमाणु विस्फोट पर सवालिया निशान लगा दिया। इस से ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है। एक निरक्षर परिवार भी अपने घर की कमजोरी को बाहर उजागर नहीं करता। यहाँ देश के जाने माने लोग हिंदुस्तान को "मेरा भारत महान" बनाने में लगे हुए है। देश के दुश्मनों के लिए इस से बढ़िया ख़बर और क्या हो सकती है। एक नेता जिन्ना की तारीफ करता है,एक वैज्ञानिक परमाणु विस्फोट की सफलता पर सवालिया निशान लगाता है। इसे भाई चारा तो कह ही सकते हैं।
अब परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व मुखिया होमी नुसरवानजी सेठना जी भी संथानम जी के साथ भाई चारा दिखाते हुए कह रहें हैं कि १९९८ का परमाणु परीक्षण विफल हो गया था। श्री सेठना तो ये भी कहतें है कि प्रख्यात परमाणु वैज्ञानिक ऐ पी जे अब्दुल कलाम विस्फोटकों के दोहन और विकास के बारे में कुछ नहीं जानते।
इन महान लोगों की बात कितनी सच है वही जानें। लेकिन क्या यह सब बोलना देश के हित में है? ये तो बहुत ऊँचे स्तर पर अपनी बात मजबूती से रख सकते हैं। सरकार बड़े बड़े वैज्ञानिकों को उनके साथ लगाकर सच्चाई का पता लगा सकती है। उनके इस प्रकार से करने की क्या जरुरत पड़ी?
वैसे एक बात है, इस देश में,वह यह कि रिटायर होने के बाद हर कोई अपने विभाग की, देश की, व्यवस्था की आलोचना शरू कर देता है। उस से पहले वह सरकारी सुविधाएँ भोगता है। बात वही कि हम सब बुरी बात तो झट से बोल देते हैं।

Tuesday, 1 September 2009

बड़ी विदाई की तैयारी

--- चुटकी----

बीजेपी में
जोर शोर से
मिलने-मिलाने का
दौर जारी है,
लगता है
किसी बड़ी
विदाई की
तैयारी है।