हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Friday 5 June, 2009
जस्ट फॉर चेंज, रस्ते का पत्थर
अगर तुम समझती हो
मैं रास्ते का पत्थर हूँ,
तो मार दो ठोकर मुझे
पत्थर की ही तरह,
ध्यान रखना तुम्हारे पैर में
कोई चोट ना लग जाए,
कहीं तुम्हारे दिल से
कोई आह ना निकल जाए,
निकली अगर आह तो
इस पत्थर को दुःख होगा,
हट गया रास्ते से
तो दोनों को ही सुख होगा,
फ़िर मैं सड़क के
किनारे पर पड़ा रहूँगा,
इस राह जाने वाले को
कुछ भी नहीं कहूँगा,
बस, मेरा इतना काम
तुम आते जाते जरुर करना,
उसके बाद मेरा फर्ज होगा
दुआ से तुम्हारा दामन भरना।
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