हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Tuesday, 2 June 2009
राम राज्य है भाई
हाय राम ! ये लड़का। ये कोई कहानी नहीं, हकीकत है। एक लड़की के मुहं से ये शब्द तब निकले जब उसने अपनी बाइक पर एक पर्ची देखी। लड़की ने अपनी सहेली को बताया की लड़का आज फ़िर कुछ लिख कर बाइक पर रख गया। यह समस्या एक लड़की के साथ नहीं है। कुछ बनने की चाह में लड़कियां केवल ओह !,आह ! करके रह जाती हैं। क्या करियर अब हमारे सम्मान ,प्रतिष्ठा,चरित्र,स्वाभिमान से भी ऊँचा बहुत ऊँचा नहीं हो गया है?आत्म सम्मान ,मान अपमान तो अब दकियानूसी और पुराने ज़माने की बात हो गई। जिनका करियर के सामने अब कोई महत्व नहीं। किसी को बताएं तो अपमान का डर और ना बताएं तो हर रोज की प्रताड़ना।कुल्हे से नीचे गिरने को तैयार घीसी हुई जींस,पैरों में हवाई चप्पल या पट्टी वाले स्लीपर। बाल बिखरे हुए। ये वो लडकें हैं जो पैदल या बाइक पर आपको ऐसे स्थानों पर आते जाते दिखाई देंगे जहाँ लड़कियों का अधिक आना जाना होता है। ये लड़के लड़कियों का पीछा करतें हैं,उनको पीछे घूम कर देखते हैं,उन पर कमेंट्स करतें हैं,और किस्म किस्म की आवाज अपनी बाइक ने निकालते हैं। लड़कियों के निकट जाकर मुस्कुरातें हैं। लड़कियों के पास इनकी यह बदतमीजी सहने के अलावा कोई चारा नहीं होता। यह रोज होता है। अभिभावक कहाँ तक उनकी रक्षा करें? सम्भव है कुछ लड़के लड़कियों का आपस में दोस्ती का रिश्ता हो, लेकिन लड़कों की आवारा आंखों का सामना सभी लड़कियों को करना पड़ता है।कुछ बनने की चाह में लड़कियां किसी ने किसी कोचिंग सेंटर में कुछ पढ़ने जातीं हैं। कोई भी कोचिंग सेंटर ऐसा नहीं होगा जो लड़के लड़कियों को अलग अलग कोचिंग देता हो। लड़कियों को अलग कोचिंग हो तो लड़के नहीं आते। यह कोचिंग सेंटर चलाने वालों की मज़बूरी है। उनके तो बस धन चाहिए। पुलिस ने काफी हाय तौबा के बाद एक अभियान चलाकर कुछ आवारा लड़कों को पकड़ा। उनके माता पिता को थाने बुलाया और उनकी आवारा सम्पति उनको सौंप दी गई। पुलिस चाहती तो ऐसे लड़कों की फोटो अख़बारों में छपवा कर बता सकती थी,सावधान ये हैं आवारा लड़के! मगर पुलिस तो शरीफ है। वह ऐसा क्यों करने लगी। पुलिस अफसरों के परिवारों की लड़कियां तो गाड़ी में आती जाती हैं इसलिए उनकी बला से किसी और की लड़की के साथ कुछ भी हो उनको क्या! लड़कियों के परिजन मान,अपमान के डर,पुलिस के सौ प्रकार के सवाल जवाब,उनके झंझट के भय से कोई शिकायत नहीं करते। जब कोई शिकायत ही नहीं है तो शहर में राम राज्य है। नारायण नारायण।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment