हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Wednesday 11 April, 2012
टूट गए हैं रिश्ते
टूट गए हैं रिश्ते किस्से खतम हुए तुम क्या जानो बात कितने जतन हुए। -- गली मोहल्ले प्यारे प्यारे पूछ रहें हैं मिल के सारे रहते थे जो साथ वो क्यों बिछड़ गए।
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