हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Tuesday 28 February, 2012
लब तू खोल दे कुछ तो बोल दे, मन की सारी गाँठे प्यारी एक दिन मुझ संग खोल दे।
No comments:
Post a Comment