हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Wednesday, 2 December 2009
---- चुटकी----
मधु कोड़ा बेहिसाब जोड़ा, नीयत ख़राब थी इसलिए यह भी लगा थोड़ा।
1 comment:
achchha vyangya hai..........shukriya
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