हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Sunday 13 February, 2011
--- चुटकी---
मंदिरहमने बनादिए श्रद्धालुओं की लगीकतार, खालीझोली लौटगएसब मंदिरहुएव्यापार।
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