हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Saturday 27 March, 2010
----चुटकी----
नौकर खाए सूखी रोटियां कुत्ता उड़ाए माल, एक ही घर में रहते दोनों, कौन, किस से करे सवाल।
2 comments:
aaj ka sach..........
पशु के साथ आदमी का व्यवहार , आदमी के साथ पशु का व्यवहार. आदमी ही करता है.
Post a Comment