भड़ास फॉर मीडिया ने पत्रकार जरनैल सिंह को मीडिया हीरो चुना है। हीरो चुना गया उसको बधाई,जिसने चुना उसका आभार। कोई किसी की नज़रों में कुछ भी हो सकता है।किसी को क्या एतराज! सो हमें भी नहीं है। हो भी तो जरनैल सिंह या यशवंत जी का क्या! यहाँ सवाल एतराज का नहीं, दूसरा है। वह यह कि मीडिया में लगातार नकारात्मक को बढ़ावा मिल रहा है। कुछ भी बुरा करो, मीडिया उसे हाथों हाथ ले लेता है। लपक लेता है। मुद्दा बना देता है। बुरा करने वाला अख़बारों के पन्नों पर छाया रहता है। न्यूज़ चैनल पर दिखाई देता है। वह कितने दिन मीडिया में रहता है, यह उस बन्दे की समाज में पोजीशन तय करती है। बड़ा तो कई दिन सुर्ख़ियों में रहेगा,वरना दो चार दिन में निपटा दिया जायेगा। कोई इन्सान अच्छा काम करता है। उपलब्धि प्राप्त करता है। तब उसको अपनी तस्वीर अख़बार में छपवाने के लिए अख़बारों के दफ्तरों के चक्कर निकालने पड़ते हैं। चैनल के लिए तो ये कोई खबर ही नहीं होती। हाँ, कुछ बुरा कर दिया,सनसनी फैला दी,तो आपको किसी पत्रकार के आगे गिड़गिड़ाने की जरुरत नहीं है। सब भाई लोग विद कैमरे अपने आप आपको खोजते हुए आपके पास चले आयेंगें। आप कहोगे,प्लीज़ फोटो नहीं। किन्तु फोटो उतरेंगी,अख़बार में छपेंगी। आपका धेला भी खर्च नहीं होगा। इसमें किसी का कोई कसूर नहीं, जमाना ही ऐसा आ गया।
दुनिया भर में सकारात्मक सोच के पाठ पढाये जाते हैं। सेमीनार होते है। पता ही नहीं कितने ही आदमी इस सब्जेक्ट पर लिखकर नाम,दाम कमा चुके। यह सिलसिला समाप्त नहीं हुआ है। इसके बावजूद सब तरफ नकारात्मक सोच का बोलबाला है। कोई भी अख़बार चाहे वह कितने ही पन्नों का हो,उठाकर देखो,पहले से अंतिम पेज तक,आपको नकारात्मक समाचारों का जमघट मिलेगा। पोजिटिव समाचार होगा किसी कोने में। वह भी दो चार लाइन का। इसलिए नए साल में सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि आज से क्या अभी से केवल और केवल नेगेटिव काम ही करेंगे। जिस से हमारा भी नाम सुर्ख़ियों में रहे। हम भी यह बात साबित कर सकें कि बदनाम होंगे तो क्या नाम नहीं होगा। होगा,जरुर होगा। सभी को नया साल मुबारक। हैपी न्यू इयर में सभी को हैपी हैपी न्यूज़ मिलती रहे।
हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Thursday, 31 December 2009
Sunday, 27 December 2009
Thursday, 24 December 2009
Tuesday, 22 December 2009
भोजन की थाली
---- चुटकी----
जिनके भी हैं
पेट खाली,
सब मिल के
बजाओ ताली,
नेता जी को मिलेगी
बारह रूपये में
भोजन की थाली।
जिनके भी हैं
पेट खाली,
सब मिल के
बजाओ ताली,
नेता जी को मिलेगी
बारह रूपये में
भोजन की थाली।
Thursday, 17 December 2009
सवाल है जवाब नहीं
किसी गाँव से एक आदमी रोजगार के लिए परदेश जाने के लिए तैयार था। इस से पहले की वह अपना पहला कदम घर की देहली से बाहर रखता, उसकी पत्नी बोली, आप परदेश में कुछ भी करना मुझे कोई एतराज नहीं होगा लेकिन पानी केवल विवाहित महिला से ही पीना। पति ने ऐसा ही करने का वचन दिया और घर से रवाना हो गया। काफी लंबा रास्ता तय करने के बाद उसे प्यास लगी। कुछ दूर चला तो बस्ती दिखाई दी। बस्ती के पहले घर दस्तक दी। घर से एक आदमी निकला। उसने राहगीर से दस्तक का कारण पूछा। परदेशी ने पानी पीने की इच्छा के साथ यह भी बताया कि वह केवल विवाहित महिला के हाथ से ही पानी पीने हेतु वचनबद्ध है। घर का मालिक बोला, इस वक्त घर में कोई विवाहित महिला नहीं है। उसने राहगीर को दूसरे के घर भेज दिया। राहगीर ने दरवाजा खटखटाया,महिला ने दरवाजा खोला। राहगीर ने वही बात की। महिला घर के अन्दर गई। सोलह श्रृंगार कर हाथ में पानी का बर्तन लेकर लौटी। उसने राहगीर से कहा, मैं विवाहित हूँ लेकिन मेरे पति को मैंने केवल विवाहित पुरूष को ही पानी पिलाने का वचन दे रखा है। इसलिए आप अपने विवाहित होने का सबूत दो और पानी पी लो। राहगीर ने विवाहित होने का सबूत दिया और पानी पीकर अपने रास्ते चला गया।
सवाल ये कि राहगीर ने अपने विवाहित होने का क्या सबूत दिया,जिससे महिला संतुष्ट हो गई।
यह बात जिस ने मुझे बताई उसने उत्तर नहीं बताया। अब मुझे इस सवाल के उत्तर की तलाश है। आख़िर वह क्या सबूत था जो राहगीर ने अपने आप को विवाहित साबित करने के लिए दिया।
सवाल ये कि राहगीर ने अपने विवाहित होने का क्या सबूत दिया,जिससे महिला संतुष्ट हो गई।
यह बात जिस ने मुझे बताई उसने उत्तर नहीं बताया। अब मुझे इस सवाल के उत्तर की तलाश है। आख़िर वह क्या सबूत था जो राहगीर ने अपने आप को विवाहित साबित करने के लिए दिया।
Wednesday, 9 December 2009
नारदमुनि ख़बर लाएं हैं
"आज राजेश यादव का जन्मदिन। राजेश यादव हैं अजमेर के जिला कलेक्टर। लोग दे रहें हैं शुभकामनायें।" ये किसी एस एम एस का हिस्सा नहीं है। किसी छोटे,बड़े अख़बार में भी ये प्रकाशित नहीं हुआ। ये पंक्तियाँ एक टीवी न्यूज़ चैनल पर थीं। आज दोपहर को ई टीवी राजस्थान पर समाचार देखने,सुनने समय नीचे ये पंक्तियाँ आ रही थी। कस्बे,नगर के किसी छोटे अख़बार में तो इस प्रकार की "न्यूज़" होती हैं। किंतु किसी न्यूज़ चैनल में ऐसा दिखाई देगा ये नहीं सोचा था। पता नहीं मेरा सोचना ग़लत है या समय के हिसाब से खबरें बदल गईं हैं। सचमुच अगर समय के हिसाब से खबरें बदल गईं हैं तो कुछ दिनों बाद ये पंक्तियाँ भी पढ़ने को मिलेगीं--".....सेठ की पुत्र वधु उम्मीद से। ......विधायक की पुत्र वधु के पाँव भारी।" ".... अधिकारी की पत्नी के लड़का होने की आस, टेस्ट में लड़का बताया। घर में खुशी का वातावरण। लोग दे रहें हैं बधाई।" " मंत्री को पोता चलने लगा। उसके पहला कदम उठाने की एक्सक्लूसिव न्यूज़ थोड़ी देर में। सिर्फ़ ..... पर। " इस तरह की असंख्य ख़बरें चाहो तो कोई भी चैनल दिखा सकता है। "
अब ऐसा करना आज के दौर में मज़बूरी है या यह सब उनका व्यवसाय इस बारे में तो हम कुछ भी नहीं कह सकते। कुछ ना कुछ तो होगा ही चाहे वह लल्ला चप्पी ही क्यों न हो। ख़बर है तो फ़िर हमें भी समय के साथ चलना पड़ेगा। वरना यहाँ तो वजूद बचाना मुश्किल हो जाएगा। चलो यह कुछ भी हो, हमारी ओर राजेश यादव को जन्म दिन की बधाई।
अब ऐसा करना आज के दौर में मज़बूरी है या यह सब उनका व्यवसाय इस बारे में तो हम कुछ भी नहीं कह सकते। कुछ ना कुछ तो होगा ही चाहे वह लल्ला चप्पी ही क्यों न हो। ख़बर है तो फ़िर हमें भी समय के साथ चलना पड़ेगा। वरना यहाँ तो वजूद बचाना मुश्किल हो जाएगा। चलो यह कुछ भी हो, हमारी ओर राजेश यादव को जन्म दिन की बधाई।
Tuesday, 8 December 2009
राहुल गाँधी जिंदाबाद
"मुस्लिम भी हो सकता है प्रधानमंत्री। " ये इस देश के "युवराज" राहुल गाँधी ने कहा है। जो युवराज के मुहँ से निकल गया, उसे सच्च होने में कितना समय लगेगा। कुछ दिन बाद वे ये कहते हुए दिखें कि हिंदुस्तान अब इस्लामिक देश कहलायेगा। हो सकता है, क्यों नहीं हो सकता। यहाँ हिंदू जमात की तो कोई कद्र है ही नहीं। हर कोई मुस्लिम समाज को ही वोट बैंक के रूप में जानता,मानता और पहचानता है। इस समाज को अपने पल्लू से बांधने के लिए ये तथाकथित धर्मनिरपेक्ष नेता हिन्दुओं को कहीं भी धकेलने से गुरेज नहीं करेंगें। कभी आडवानी जी जिन्हा जी की शान में बोलते हैं। कभी कोई और नेता।
हे, मेरे देश के नेताओं इतना तो बता दो कि हिंदू इस देश में रह सकता है या नहीं। जिस प्रकार के हालत नेता पैदा कर रहें हैं उस से तो ऐसा लगता है कि जम्मू -कश्मीर की भांति हिंदुस्तान से भी हिन्दुओं के पलायन करने का समय आने वाला है। युवराज ने चेता दिया,आगे आपकी मर्जी।
आज हिन्दुओं की परवाह किसी को नहीं है। एक भी नेता,पार्टी उनकी वक्त,बेवक्त की मौत पर अपने "आंसू" नहीं बहाती। कोई दूसरी जात का मरे तो पूरी सरकार,उसके छोटे बड़े नेता शर्मिंदगी जताते हैं। उनके चरणों में बैठ कर "दया"[ वोट] की भीख मांगते हैं। कैसी विडम्बना है कि हिंदुस्तान में हिन्दुओं को ही धीरे धीरे दूसरे,तीसरे दर्जे का नागरिक बनाया जा रहा है। एक भी नेता,पार्टी उसके हक़ में नहीं है। कोई हक़ में आने के लिए कदम बढाता है तो उसको साम्पर्दायिक कह कर गाली दी जाती है। मुस्लिम हित की बात करने वाला यहाँ सच्चा-सुच्चा धर्मनिरपेक्ष बताया जाता है। सच में मेरा[पता नहीं है कि नहीं] भारत महान ।
हे, मेरे देश के नेताओं इतना तो बता दो कि हिंदू इस देश में रह सकता है या नहीं। जिस प्रकार के हालत नेता पैदा कर रहें हैं उस से तो ऐसा लगता है कि जम्मू -कश्मीर की भांति हिंदुस्तान से भी हिन्दुओं के पलायन करने का समय आने वाला है। युवराज ने चेता दिया,आगे आपकी मर्जी।
आज हिन्दुओं की परवाह किसी को नहीं है। एक भी नेता,पार्टी उनकी वक्त,बेवक्त की मौत पर अपने "आंसू" नहीं बहाती। कोई दूसरी जात का मरे तो पूरी सरकार,उसके छोटे बड़े नेता शर्मिंदगी जताते हैं। उनके चरणों में बैठ कर "दया"[ वोट] की भीख मांगते हैं। कैसी विडम्बना है कि हिंदुस्तान में हिन्दुओं को ही धीरे धीरे दूसरे,तीसरे दर्जे का नागरिक बनाया जा रहा है। एक भी नेता,पार्टी उसके हक़ में नहीं है। कोई हक़ में आने के लिए कदम बढाता है तो उसको साम्पर्दायिक कह कर गाली दी जाती है। मुस्लिम हित की बात करने वाला यहाँ सच्चा-सुच्चा धर्मनिरपेक्ष बताया जाता है। सच में मेरा[पता नहीं है कि नहीं] भारत महान ।
Monday, 7 December 2009
वेश्यावृति त्यागने वाली युवतियों की शादी
डेरा सच्चा सौदा [सिरसा,हरियाणा]के संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा द्वारा वेश्यावृति त्याग कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने वाली युवतियों के कल्याण के लिए चलाई गई मुहिम में १०११ युवक वेश्यावृति त्यागने वाली युवतियों से शादी करने को तैयार हैं। इन युवतियों को अपनी बहिन,बेटी बनाने के लिए ९४ तथा ९ परिवार उनके बच्चों को गोद लेने के लिए आगे आए हैं। गुरु जी ने इन युवकों को भक्त योद्धाओं की संज्ञा दी है।
वेश्यावृति के अभिशाप से मुक्त होने वाली युवतियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए तीन चरण निर्धारित किए गए हैं। पहले चरण में देश के विभिन्न भागों में टीमे भेजी गई हैं। जो वेश्यावृति के अभिशाप से मुक्त होने की इच्छुक महिलाओं को लेकर आएगी। दूसरे चरण में इन युवतियों की चिकित्सीय जाँच व उपचार की व्यवस्था की जाएगी। पूर्ण रूप से स्वस्थ युवती की ही शादी करवाई जाएगी। अगर किसी युवती में एड्स जैसी बीमारी के लक्षण दिखाई दिए तो उसके उपचार के सभी प्रबंध किए जायेंगे। यह जानकारी डेरा के प्रवक्ता डॉ०पवन इंसा ने दी।
---दैनिक प्रशांत ज्योति, श्रीगंगानगर से साभार।
वेश्यावृति के अभिशाप से मुक्त होने वाली युवतियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए तीन चरण निर्धारित किए गए हैं। पहले चरण में देश के विभिन्न भागों में टीमे भेजी गई हैं। जो वेश्यावृति के अभिशाप से मुक्त होने की इच्छुक महिलाओं को लेकर आएगी। दूसरे चरण में इन युवतियों की चिकित्सीय जाँच व उपचार की व्यवस्था की जाएगी। पूर्ण रूप से स्वस्थ युवती की ही शादी करवाई जाएगी। अगर किसी युवती में एड्स जैसी बीमारी के लक्षण दिखाई दिए तो उसके उपचार के सभी प्रबंध किए जायेंगे। यह जानकारी डेरा के प्रवक्ता डॉ०पवन इंसा ने दी।
---दैनिक प्रशांत ज्योति, श्रीगंगानगर से साभार।
Subscribe to:
Posts (Atom)