राजनीति पर लोग अपने रिश्तों की बलि चढा देते हैं। ऐसा हमारे श्रीगंगानगर में देखने को मिल रहा है। यहाँ नगर परिषद् चुनाव में एक वार्ड में बहु और चाची सास के बीच मुकाबला है। सास को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है तो बीजेपी ने बहु को। दोनों परिवार कई दशकों से एक साथ एक बिल्डिंग में रह रहें हैं। दोनों के घर के बीच एक दीवार है। इस चुनाव के कारण यह दीवार अब भौतिक रूप से बेशक ऊँची ना हो लेकिन सम्बन्धों में आई दरार के रूप में बहुत ऊँची हो जायेगी। अब रिश्तेदारों के सामने असमंजस की स्थिति है कि वे क्या करें। यह बात समझ से परे है कि क्या राजनीति आपसी रिश्तों से भी अधिक महतवपूर्ण हो गई? बहु का ससुर इलाके का माना हुआ वकील है। लेकिन जब बेटा बाप से बड़ा हो जाए तो फ़िर कोई वकील बाप भी क्या कर सकता है। हाँ वह इतना तो जरुर कर सकता था कि घर में चुपचाप बैठ जाता और दोनों को अपने हाल पर छोड़ देता। आख़िर वह उस खानदान में सबसे बड़े हैं। जब बड़े हैं तो बडापन दिखाना ही चाहिए,वरना बड़ा तो दही में पड़ा रहता है।
जो बहु बीजेपी की उम्मीदवार है वह पहले कांग्रेस की टिकट मांग रही थी। कांग्रेस ने नहीं दी तो बीजेपी के दरबार में चले गए।
1 comment:
hamare yahan bhi aisa hi mamla dekhne mein aaya hai vaise bhi aajkal to yehi chalan hai yashodhra vasundhra,rahul-varun.sonia -menka .
Post a Comment