हर इन्सान हर पल किसी ना किसी उधेड़बुन में रहता है। सफलता के लिए कई प्रकार के ताने बुनता है। इसी तरह उसकी जिन्दगी पूरी हो जाती हैं। उसके पास अपने लिए वक्त ही नहीं । बस अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल लो और जिंदगी को केवल अपने और अपने लिए ही जीओ।
Monday 20 April, 2009
नेता की औलाद है तू
ना हिंदू बनेगा ना तू मुसलमान बनेगा, नेता की औलाद है तू नेता बनेगा। ना जन की सुनेगा ना गण की सुनेगा, जिस से मिलेगा फायदा तू उस मन की सुनेगा।
1 comment:
असली यहाँ है!
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